अधिकांश लोग फिजियोथेरेपी को ‘एक और’ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादा महत्व नहीं देते। कुछ इसके दायरे को मसाज तक सीमित कर देते हैं, तो कुछ इसे खेल के दौरान लगने वाली चोट को ठीक करने के लिए उपयोगी मानते हैं। पर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता इससे कहीं ज्यादा है। क्यों और कब जरूरी है फिजियोथेरेपी बता रही हैं निशा राणा , अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो फिजियोथेरेपी के बारे में सोचना चाहिए। चिकित्सा और सेहत दोनों ही क्षेत्रों के लिए यह तकनीक उपयोगी है। पर जानकारी की कमी व खर्च बचाने की चाह में लोग दर्द निवारक दवाएं लेते रहते हैं। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं ल फिजियोथेरेपी में न्यूरोलॉजी, हड्डी, हृदय, बच्चों व वृद्धों की समस्याओं के क्षेत्र से जुड़े खास एक्सपर्ट भी होते हैं। आमतौर पर फिजियोथेरेपिस्ट इलाज शुरू करने से पहले बीमारी का पूरा इतिहास देखते हैं। उसी के अनुसार आधुनिक इलेक्ट्रोथेरेपी (जिसमें इलाज के लिए करेंट का इस्तेमाल किया जाता है) और स्ट्रेचिंग व व्यायाम की विधि अपनाई जाती है। मांसपेशियों और जोड में के दर्द से राहत के लिए फिजियोथेरेपिस्ट मसाज का भी सहारा लेते हैं। कई फिजियोथेरेपिस्ट दवाएं व इंजेक्शन भी देते हैं, जिसे डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
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